2023 में देवठान कब है?

देवठान या देवठान यात्रा भगवान शिव के प्रमुख पूजा स्थल में समर्पित होती है। इस त्योहार को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे हिंदू पंचांग में ‘अनंत चतुर्दशी’ कहा जाता है।

देवठान यात्रा की तारीख समय से, ज्यादातर उत्तर भारत के प्रदेशों में अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है। दक्षिण भारत में भी कई स्थानों पर इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

तारीख | 15 सितंबर 2023
तिथि | भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
कारण | शिव भगवान को समर्पित होता है और इस दिन इस उनके पूजन से शिवलोक जाने का सुअवसर मिलेगा।

देवठान कब है?

आनन्दपुर साहिब स्थान पर 15 सितंबर 2023 को देवठान का आयोजन होगा। यह पर्व शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे उत्साह से मनाया जाता है।

देवठान क्यों मनाया जाता है?

देवठान का महत्व उसके इतिहास में छिपा है जिसमें वर्तमान युग में भी शिव भक्ति और उसके अनुयायियों को पूजन समर्पित करने का विवरण है।

देवठान किस तरह मनाया जाता है?

देवठान के दौरान भगवान शिव के पूजन का आयोजन होता है, जिसमें भक्त हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी से चलकर देवप्रयाग पहुँचते हैं। यहाँ वे गंगा नदी के तट पर शिव मंदिर में शिवलिंग की पूजा करते हैं। इसके बाद देवठान समाप्त हो जाता है।

देवठान के आयोजन का महत्व

देवठान के आयोजन का महत्व लोगों की आत्माओं को शुद्धि, संतुलन और स्थिरता का अनुभव करवाता है। इसके माध्यम से शिव की पूजा और भक्ति का माहौल बनाया जाता है, जो भगवान के प्रति भावनात्मक संवाद को समर्थित करता है।

देवठान के लाभ

  • आत्मिक शांति और संतुलन का अनुभव
  • शिव के प्रति विशेष भक्ति और श्रद्धा का विकास
  • सामाजिक एकता और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना

देवठान 2023: महत्वपूर्ण दिनांक और महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • 13 सितंबर 2023 (बुधवार) – पूर्वेति मास का आरंभ
  • 15 सितंबर 2023 (शुक्रवार) – देवठान यात्रा
  • 16 सितंबर 2023 (शनिवार) – अनंत चतुर्दशी

देवठान के त्योहार पर कुछ स्वामित्व के सवाल

  1. देवठान का महत्व क्या है?
    देवठान शिव भक्ति और पूजन का महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति को मजबूत करता है।

  2. देवठान 2023 की तारीख क्या है?
    देवठान 2023 की तारीख 15 सितंबर है।

  3. देवठान की यात्रा कैसे और कब शुरू होती है?
    देवठान की यात्रा हरिद्वार से देवप्रयाग तक होती है और इसे पूर्ण करने के लिए धार्मिक रिति और प्रक्रिया का पालन किया जाता है। यह त्रयोदशी तिथि को शुरू होती है।

  4. देवठान के दौरान क्या रिति-रिवाज होते हैं?
    देवठान के दौरान भगवान शिव की पूजा और भक्ति के लिए विशेष रिति-रिवाज होते हैं, जिन्हें सम्पूर्णतः पालन किया जाता है।

  5. देवठान की महत्वता क्या है समाज के लिए?
    देवठान समाज को शिव के भक्ति में जुटाने और सामाजिक एकता को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे समाज में शांति और समरसता बनी रहती है।

इस प्रकार, देवठान एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो शिव भक्ति और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करता है। यह एक सांस्कृतिक आयोजन है जो मानवता की अद्वितीयता और एकता को साकार करता है।

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